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- प्रयागराज महाकुंभ
- कुंभ मेला
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
- बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
- भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग : शिव के बारह पवित्र धाम
Browsing: Devotional
प्रयागराज कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसे ‘विश्व की सबसे बड़ी सभा’ भी कहा जाता है। यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपराओं का प्रतीक है। कुंभ मेले का आयोजन प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के संगम तट पर होता है, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है।
कुंभ मेला, भारत में एक अद्वितीय और विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्व है, जिसे हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र आयोजनों में से एक माना जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु, संत, महात्मा और पर्यटक हिस्सा लेते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े समागमों में से एक बनाता है। आइए जानते हैं कि कुंभ मेला क्या है, इसकी शुरुआत कैसे हुई, और इसका महत्व क्या है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो आंध्र प्रदेश राज्य के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के मल्लिकार्जुन रूप को समर्पित है, जहाँ भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। मल्लिकार्जुन का नाम “मल्लिका” (देवी पार्वती) और “अर्जुन” (भगवान शिव) से लिया गया है, जो इस स्थान के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से पहला है, जो गुजरात राज्य के सोमनाथ गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के सोमनाथ रूप को समर्पित है और अत्यधिक पवित्र माना जाता है। “सोमनाथ” का अर्थ होता है “चंद्र देवता का स्वामी”, क्योंकि इसके अनुसार, चंद्र देवता ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिले में स्थित है। यह स्थान भगवान शिव के “ओंकारेश्वर” रूप के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ शिवलिंग की पूजा की जाती है। ओंकारेश्वर का नाम ‘ओं’ (अक्षर) और ‘कार’ (ध्वनि) से लिया गया है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख मन्त्र “ओं” से संबंधित है। यहाँ की मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने भगवान श्रीराम के प्रार्थना से इस स्थान पर अवतार लिया था।
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और यहां भगवान शिव के स्वरूप “बैद्यनाथ” की पूजा की जाती है। “बैद्यनाथ” का अर्थ होता है “चिकित्सक देवता”, क्योंकि यहां की मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने अपने भक्त रावण को रोगों से मुक्त किया था।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और विशेष रूप से पुणे से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर भीमाशंकर नामक स्थान पर स्थित है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और विशेष रूप से पुणे से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर भीमाशंकर नामक स्थान पर स्थित है।
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (काशी) में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जिसे भगवान शिव का एक ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह स्थान हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है और इसे “काशी” या “विष्णु के साथ शिव” का निवास स्थान माना जाता है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नाशिक जिले के त्र्यंबक में स्थित है। यह भगवान शिव का एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है और हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है।