ज्योतिर्लिंग हिंदू धर्म में भगवान शिव के उन 12 प्रमुख मंदिरों को कहा जाता है जहाँ शिव स्वयं ज्योति (प्रकाश) रूप में प्रकट हुए थे। इन स्थानों पर शिवलिंग एक विशेष रूप में पूजे जाते हैं, जिन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। यह धार्मिक धाम न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आस्था के केंद्र हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से पहला है, जो गुजरात राज्य के सोमनाथ गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के सोमनाथ रूप को समर्पित है और अत्यधिक पवित्र माना जाता है। “सोमनाथ” का अर्थ होता है “चंद्र देवता का स्वामी”, क्योंकि इसके अनुसार, चंद्र देवता ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है और यह स्थल आत्मिक शांति और मोक्ष का प्रतीक है। यह तीर्थ स्थल हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और श्रद्धा का केंद्र है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान
सोमनाथ को सभी ज्योतिर्लिंगों में पहला स्थान प्राप्त है। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इसे चंद्रमा द्वारा स्थापित माना जाता है, जो कि भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने कष्टों से मुक्ति पाने में सफल हुए थे। सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में वेरावल के पास स्थित है। यह मंदिर अरब सागर के तट पर स्थित है, और इसकी भव्यता और सुंदरता विश्व प्रसिद्ध है। सोमनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के बारह ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह स्थान धार्मिक महत्व के साथ–साथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो आंध्र प्रदेश राज्य के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के मल्लिकार्जुन रूप को समर्पित है, जहाँ भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है। मल्लिकार्जुन का नाम “मल्लिका” (देवी पार्वती) और “अर्जुन” (भगवान शिव) से लिया गया है, जो इस स्थान के आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का स्थान
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में नल्लमाला पर्वत श्रृंखला के श्रीशैलम पर्वत पर स्थित है। यह स्थान कृष्णा नदी के तट पर बसा है। श्रीशैलम के इस पवित्र मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच से गुजरना होता है, जो इस यात्रा को आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बना देता है।
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के महाकाल रूप को समर्पित है और हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र स्थल माना जाता है। महाकालेश्वर का दर्शन करने से भक्तों को अपार पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है। उज्जैन प्राचीनकाल में अवंतिका के नाम से प्रसिद्ध था और यह शहर भारत की सबसे प्राचीन नगरीयों में से एक है। उज्जैन को भारत के सात पवित्र नगरों में भी गिना जाता है।
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिले में स्थित है। यह स्थान भगवान शिव के “ओंकारेश्वर” रूप के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ शिवलिंग की पूजा की जाती है। ओंकारेश्वर का नाम ‘ओं’ (अक्षर) और ‘कार’ (ध्वनि) से लिया गया है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख मन्त्र “ओं” से संबंधित है। यहाँ की मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने भगवान श्रीराम के प्रार्थना से इस स्थान पर अवतार लिया था। यहां स्थित शिवलिंग भगवान शिव के आशीर्वाद स्वरूप है, जो श्रद्धालुओं को शांति और आशीर्वाद प्रदान करता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्त्व अत्यधिक है और यह स्थान हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान
ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में, मां नर्मदा नदी के पवित्र तट पर स्थित है। यह स्थान नर्मदा नदी के दो धाराओं में विभाजित होकर बने ओंकार आकार के द्वीप पर बसा है। ओंकारेश्वर का ज्योतिर्लिंग इसी पवित्र द्वीप पर स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है।
5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के केदारनाथ में स्थित है और यह भगवान शिव का प्रमुख ज्योतिर्लिंग है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो विशेष रूप से उनके ‘केदार‘ रूप में पूजे जाते हैं। यह मंदिर हर साल हजारों श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। केदारनाथ का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है, और यह स्थान भक्तों के लिए मोक्ष की प्राप्ति का एक प्रमुख केंद्र है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर मंदाकिनी नदी के किनारे बसा है, जो हिमालय के बर्फीले क्षेत्रों से बहती है। चार धाम यात्रा के प्रमुख तीर्थ स्थलों में केदारनाथ की गणना होती है, जो कठिन यात्रा के बावजूद लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव ने राक्षस भीम के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए अवतार लिया था। भीमाशंकर का इतिहास और महत्व महाभारत तथा शिवपुराण में भी वर्णित है। यहाँ के शिवलिंग का आकार विशेष है, और यह स्थल प्राचीन समय से ही श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है। भीमाशंकर का प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व भक्तों को आत्मिक शांति प्रदान करता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का स्थान
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेड तालुका में भीमा नदी के उद्गम स्थल के पास स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए सबसे नज़दीकी बड़ा शहर पुणे है, जो लगभग 110 किलोमीटर दूर है।
7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (काशी) में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जिसे भगवान शिव का एक ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह स्थान हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है और इसे “काशी” या “विष्णु के साथ शिव” का निवास स्थान माना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग 12 प्रमुख शिवलिंगों में से एक है, जिसे श्रद्धालु ‘विश्वनाथ‘ के रूप में पूजते हैं। काशी के इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, जिसे काशी विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है। यह मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है और इसका धार्मिक महत्व हजारों वर्षों से कायम है। वाराणसी हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में से एक है, और यहां आने वाले श्रद्धालु जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति की कामना करते हैं।
8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नाशिक जिले के त्र्यंबक में स्थित है। यह भगवान शिव का एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है और हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भगवान शिव के त्रिनेत्र रूप की पूजा होती है, जिसमें उनके तीन नेत्रों का प्रतीकात्मक रूप से वर्णन किया गया है। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, और इसे नर्मदा नदी के पास स्थित होने के कारण विशेष स्थान प्राप्त है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और यह श्रद्धालुओं के लिए मोक्ष प्राप्ति का एक प्रमुख केंद्र है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबक गांव में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग, सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित, गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के निकट है। चारों ओर हरियाली से घिरे इस मंदिर की शांत और पवित्र वातावरण आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है।
9. बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और यहां भगवान शिव के स्वरूप “बैद्यनाथ” की पूजा की जाती है। “बैद्यनाथ” का अर्थ होता है “चिकित्सक देवता“, क्योंकि यहां की मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने अपने भक्त रावण को रोगों से मुक्त किया था। देवघर में स्थित इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, और यह स्थल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु “श्रावणी मेला” के दौरान दर्शन करने आते हैं। बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन से भक्तों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान
बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है। देवघर का अर्थ है “देवताओं का घर,” और यह जगह शिवभक्तों के लिए एक विशेष स्थान रखती है।
10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो गुजरात राज्य के द्वारका जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां शिवलिंग के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि यह ज्योतिर्लिंग समुद्र के किनारे स्थित है और यहां दर्शन करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदिर में स्थित शिवलिंग के ऊपर नाग (सांप) का आकार बना हुआ है, जिसके कारण इस ज्योतिर्लिंग को “नागेश्वर” के नाम से जाना जाता है। यह स्थल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वूर्ण माना जाता है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के पश्चिमी तट पर, गुजरात राज्य में द्वारका के पास स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग द्वारका से लगभग 17 किलोमीटर दूर, ओखा के मार्ग में सागर तट पर बसा हुआ है। यह स्थान शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। समुद्र के निकट स्थित यह मंदिर अपनी दिव्यता और शांति के लिए प्रसिद्ध है।
11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम द्वीप पर स्थित है। यह स्थल भगवान शिव को समर्पित है और विशेष रूप से हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। रामेश्वरम का इतिहास और महत्त्व रामायण से जुड़ा हुआ है, जहां भगवान श्रीराम ने रावण से युद्ध करने से पहले यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। यह ज्योतिर्लिंग समुद्र के किनारे स्थित है, और यहाँ स्थित शिवलिंग के दर्शन करने से भक्तों को धार्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रामेश्वरम का धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्व है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का स्थान
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित, रामेश्वरम एक द्वीप है, जो भारत की मुख्य भूमि से पंबन पुल द्वारा जुड़ा हुआ है। यह स्थान बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के मिलन स्थल पर स्थित है।
12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग यह भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा उनके घृष्णेश्वर (जो पवित्र और शुद्ध करने वाले हैं) रूप में की जाती है। यहाँ पर श्रद्धालु शिवलिंग पर जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाते हैं। घृष्णेश्वर मंदिर हिन्दू धर्म में अत्यधिक सम्मानित स्थान रखता है और यह स्थल विशेष रूप से भक्तों के लिए मोक्ष प्राप्ति का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह स्थल अपनी धार्मिक महिमा और ऐतिहासिक महत्व के कारण भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के वेरूल गांव में स्थित है। यह प्रसिद्ध एलोरा गुफाओं से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम माना जाता है, जिसका मतलब है कि भगवान शिव यहां विशेष रूप से पूजनीय हैं। इसकी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य इसे धार्मिक और पर्यटन स्थल दोनों बनाती है।